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भारत का लेजर वेपन टेस्ट:
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- भारत ने DRDO के माध्यम से एक स्टार वॉर्स-शैली का लेजर वेपन विकसित किया है।
- इसने हाल ही में एक चीनी मूल के पाकिस्तानी ड्रोन को लेजर से नष्ट किया, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- यह व्हीकल-माउंटेड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन है, जो ड्रोन को सेकंडों में नष्ट कर सकता है।
निष्कर्ष: भारत ने लेजर हथियारों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा और तकनीकी सुधार की जरूरत है। साथ ही, प्रस्तुति और सॉफ्ट पावर पर ध्यान देना होगा। डेटा एनालिटिक्स जैसे नए करियर विकल्प युवाओं के लिए अवसर प्रदान करते हैं।
करियर से संबंधित जानकारी:
- डेटा एनालिटिक्स एक आकर्षक करियर विकल्प है, जिसमें शुरुआती वेतन ₹3-6 लाख और अनुभव के साथ ₹15-16 लाख तक हो सकता है।
- भारत में डेटा एनालिस्ट और डेटा साइंस की नौकरियों की मांग बढ़ रही है।
- करियर 247 एक डेटा एनालिटिक्स कोर्स प्रदान करता है, जिसमें जनरेटिव AI, लाइव क्लासेस, और नौकरी खोजने की ट्रेनिंग शामिल है।
- कोर्स 19 अप्रैल से शुरू होगा, और डिस्काउंट कोड PD10 के साथ कम कीमत पर उपलब्ध है।
अन्य अपडेट्स:
- दुनिया का पहला रोबोट बॉक्सिंग मैच होगा, जिसमें मानव और रोबोट हिस्सा लेंगे। यह भारत, अमेरिका, जापान, या चीन में से किसी एक देश में होगा (सही उत्तर के लिए कमेंट सेक्शन में जवाब देने को कहा गया है)।
वास्तविक उपयोग:
- इजराइल ने 2023 में लेजर से इनकमिंग मिसाइलों को नष्ट किया, जो इस तकनीक की उपयोगिता दर्शाता है।
- लेजर हथियार लागत-प्रभावी हैं और भविष्य की युद्ध तकनीक का हिस्सा बन सकते हैं।
प्रस्तुति पर टिप्पणी:
- कुछ भारतीयों ने DRDO की वीडियो क्वालिटी और प्रस्तुति की आलोचना की है।
- इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने भी कहा था कि प्रस्तुति उनकी प्राथमिकता नहीं है, लेकिन इसे बेहतर करने की जरूरत है ताकि भारत की सॉफ्ट पावर बढ़े।
लेजर वेपन की सीमाएं और भविष्य:
- कम रेंज एक बड़ी चुनौती है। भविष्य में रेंज को 15-20 किमी तक बढ़ाने की संभावना है, लेकिन इसके लिए भारी निवेश और बड़े उपकरणों की आवश्यकता होगी।
- लेजर हथियार मिसाइल-आधारित प्रणालियों को पूरी तरह प्रतिस्थापित नहीं कर सकते, लेकिन छोटे युद्धों के लिए उपयोगी हैं।
- भारत भविष्य में और अधिक डायरेक्टेड एनर्जी हथियार (लेजर, माइक्रोवेव, पार्टिकल बीम) विकसित करेगा।
लेजर वेपन की विशेषताएं:
- यह तकनीक तेज और सटीक है, जो प्रकाश की गति से लक्ष्य को नष्ट करती है।
- यह ड्रोन, हेलिकॉप्टर, और कुछ हद तक विमानों को निशाना बना सकती है।
- वर्तमान में इसकी रेंज केवल 5 किलोमीटर है, जो मिसाइल-आधारित रक्षा प्रणालियों (जैसे आकाश: 25 किमी, S-400: 400 किमी) की तुलना में कम है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य:
- लेजर हथियारों की तकनीक में भारत अकेला नहीं है। अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, इजराइल, जापान, दक्षिण कोरिया, और यूके जैसे देश पहले से इस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।
- चीन ने 2006 में, जर्मनी ने 2023 में, इजराइल ने 2024 में, और यूके ने ड्रैगन फायर लेजर वेपन का प्रदर्शन किया है।
- यूके ने बताया कि लेजर से हमला करना बेहद किफायती है, जिसमें एक हमले की लागत लगभग $13 (लगभग ₹1000-1200) है।
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